Tuesday, February 11, 2020

विशाखापट्टनम में आंतरराष्ट्रीय परिषद द्वारा मनाई गयी मूकनायक पत्रिका की शताब्दी




















विशाखापट्टनम में आंतरराष्ट्रीय परिषद द्वारा मनाई गयी मूकनायक पत्रिका की शताब्दी, डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा का विमोचन, प्रो.हरी नरके को जीवन गौरव पुरस्कार

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में आंबेडकर इंटरनॅशनल मिशन, कॅनडा और आंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, विशाखापट्टनम द्वारा मूकनायक पत्रिका की शताब्दी के अवसर पर आंबेडकर भवन में आंतरराष्ट्रीय परिषद का आयोजन किया गया. इस समय प्रो. हरी नरके के हाथो से भारतरत्न तथा बोधीसत्व डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की ब्रॉण्झ की पुर्णाकृती प्रतिमा का विमोचन किया गया. कॅनडा के भंतेजी पूज्य चंद्र बोधी जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. उनका प्रवचन बहुतही सटीक तथा उद्बोधक रहा. इस अवसर पर प्रो. हरी नरके को जीवन गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 1944 मे डॉ. बाबासाहब आंबेडकर विशाखापट्टनम गये थे. डॉ. बाबासाहब के निकटतम कार्यकर्ता प्रो. पावन मुर्ती [ आयु 92 वर्ष] की उपस्थिती सेमिनार मे महत्वपुर्ण रही. सेमिनार की अध्यक्षता आय. गुरूमुर्ती जी AMS ने की.

मूकनायक पत्रिका के  तथा संपादक बाबासाहब के योगदान पर मुख्य भाषण प्रो. हरी नरके ने दिया. उन्होने नवभारत के रचयिता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर जी का  देश तथा समाज के निर्माण में रहे ऎतिहासिक योगदान पर अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया. इस समय UAE दुबई के प्रो. कासी कृष्णा, AIM, आंध्र युनिव्हर्सिटी के प्रो. पी. डी. सत्यपाल, गितम युनिव्हर्सिटी की प्रो. प्रज्ञा जी, श्री रविंद्र कांबले, AIM, समता सैनिक दल के कमांडर श्री जागृतीकुमार, भिक्खु शांतिदूत जी,  इन्होनें भी उपस्थित प्रतिनिधियो कों संबोधित किया. इस पावन अवसर पर देशविदेश से आये हुये 600 प्रतिनिधी सेमिनार में उपस्थित थे.

आंध्र प्रदेश मे 1933 से फुले-शाहू- आंबेडकर विचारधारा का प्रचार और प्रसार करनेवाली 72 तेलुगू पत्रिकाओंके सिनियर संपादको का सम्मान किया गया. उन्होने भी सभा को संबोधित किया. इस सेमिनार में देश की आजकी हालात, समाज जागृती में प्रिंट मिडीया, इलेकट्रॉंनिक मिडीया, सोशल मिडीया का महत्व, बाबासाहब का संपादक के रूप में योगदान, बाबासाहब के विचारधारा पर आधारित मिडीया के निर्माण की जरूरत और हमारा कर्तव्य ऎसे महत्वपुर्ण विषयोंपर शोधनिबंध प्रस्तुत किए गये. जन चैतन्य मंडली द्वारा आंबेडकरी गित प्रस्तुत किये गये.
महाराष्ट्र के बाहर मूक नायक पत्रिका का शताब्धी महोत्सव मनाया जाना एक ऎतिहासिक कार्य रहा.

प्रो. हरी नरके, 11 फरवरी  2020

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